
क्या है पैन
- पर्मानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन 10 डिजिट का एक अल्फान्यूमेरिक (अंक+अक्षर) नंबर होता है।
- यह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इशू करता है।
- मिसाल के तौर पर एक पैन नंबर इस तरह का होता है: AAIPM5443H
- आप चाहे अपना अड्रेस बदलें, यहां तक कि एक राज्य से दूसरे राज्य में जाएं तो भी पैन नंबर वही रहता है। हां, पैन कार्ड पर अड्रेस बदलवाना होगा।
पैन क्यों
- इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए पैन अनिवार्य है।
- अगर किसी की सालाना आमदनी टैक्सेबल है तो उसे पैन लेना अनिवार्य है। ऐसे लोग अगर एम्प्लॉयर को पैन उपलब्ध नहीं कराते हैं तो एम्प्लॉयर उनका स्लैब रेट या 20 फीसदी में से जो ज्यादा है, उस दर से टीडीएस काट सकता है।
- इनकम टैक्सेबल नहीं है, तो पैन लेना अनिवार्य नहीं है। फिर भी बैंकिंग और दूसरी तरह के फाइनैंशल ट्रांजैक्शन के मामलों (जैसे : बैंक अकाउंट खोलना, प्रॉपर्टी बेचना-खरीदना, इनवेस्टमेंट करना आदि) में पैन की जरूरत होती है, इसलिए पैन सभी को ले लेना चाहिए।
कौन बनवा सकता है
- कोई भी भारतीय नागरिक पैन कार्ड बनवा सकता है।
- जरूरी नहीं कि वह कोई नौकरी या कारोबार करता हो।
- उम्र और क्षेत्र इसमें बाधा नहीं।
- एक बच्चा भी पैन कार्ड बनवा सकता है। यहां तक कि नवजात बच्चों के लिए भी पैन कार्ड बनवाया जा सकता है।
ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें
- पैन कार्ड के लिए ऑनलाइन अप्लाई किया जा सकता है।
- ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए आप NSDL के पोर्टल www.tin-nsdl.com पर जाकर Services पर जाएं।
- वहां PAN में Apply Online ऑप्शन में New PAN पर क्लिक करें।


दूसरा तरीका यह भी है:
- www.incometaxindia.gov.in पर जाएं।
- लेफ्ट साइड में ऊपर PAN ऑप्शन में जाकर Apply Online पर क्लिक करें।
- वहां NSDL या UTIITSL के जरिये फॉर्म भरकर जमा कर सकते हैं।
- इसमें भी फीस वही 96 रुपये है।
- साइट से ही क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग के जरिये यह पेमेंट कर सकते हैं।
- पेमेंट हो जाने के बाद और ऐप्लिकेशन जमा हो जाने के बाद अकनॉलिजमेंट फॉर्म का प्रिंटआउट लेकर उस पर अपना फोटो लगाएं और साइन करें।
- साथ में सभी जरूरी दस्तावेज (देखें लिस्ट) लगाकर आपको कूरियर या स्पीड पोस्ट से NSDL/UTIITSL को भेजना होगा।
- यह ऑनलाइन अप्लाई करने के 15 दिनों के भीतर पहुंच जाने चाहिए।